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‘‘‘भेज रहे हैं नेह-निमंत्रण प्रियवर तुम्हें बुलाने को, ‘‘‘ ‘‘‘हे मानस के राजहंस, तुम भूल न जाना आने को।। ‘‘‘ ‘‘ऐ कुन्ती, जो वनवारवाली कहाँ चली गई?’’ ‘‘पतो नहीं मौसी। थोड़ी ...