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रसिक संपादक मुंशी प्रेम चंद 4) आज कामाक्षी का शुभागमन है। शर्माजी ने प्रात:काल हजामत बनवायी, साबुन और बेसन से स्नान किया, महीन खद्दर की धोती, कोकटी का ढीला चुन्नटदार कुरता, ...