मानसरोवर--मुंशी प्रेमचंद जी

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आखिरी हीला मुंशी प्रेम चंद चित्र का पहला रुख तो मेरे लिए एक मदन-स्वप्न है, दूसरा रुख एक भयंकर सत्य। इस सत्य के सामने मेरी सारी रसिकता अंतर्धान हो जाती है। ...

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