लेखनी प्रतियोगिता -12-Sep-2022

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चाहा तो बहुत पर कभी उसकी ख़ामोशी न समझ पाए। उसकी मुस्कुराहटों के पीछे छुपी उदासी न समझ पाए। इतना करीब होके भी उसकी बेबसी से अंजान रह गए। मजबुरियों में ...

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