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कविता--शरदपूर्णिमा आया शरद नवमास बनकर छाया आरोग्य का धाम बनकर हुई रजताभ निशा जिस प्रकाश से शरद का चाँद खिला पूरनमास बनके दूधिया प्रकाश में सरोबार होकर चांद ने छलकाया आरोग्य ...