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अरे आशु.... यहाँ क्यूँ खड़ी हैं...। अचानक से दादाजी की आवाज सुनकर मेरे पैरों तले जमीन खसक गई.... मैने पलटकर दादाजी की तरफ़ देखा तो पूरी पसीने पसीने हो गई...। समझ ...