मानसरोवर--मुंशी प्रेमचंद जी

270 Part

22 times read

1 Liked

सुभागी मुंशी प्रेम चंद 5 रामू को गाँव भर ने समझाया; पर वह अंत्येष्टि करने पर राजी न हुआ। कहा, जिस पिता ने मरते समय मेरा मुँह देखना स्वीकार न किया, ...

Chapter

×