नहीं समझता

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हा जानते है हम यहां कोई नी समझता  लेन देन की जमाना है कोई प्यार नहीं समझता  खुली किताब सी हूं मै बस पलट रहे पन्ने मेरे कोई हस्ता तो कोई ...

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