270 Part
48 times read
1 Liked
धिक्कार-2 मुंशी प्रेम चंद 1 अनाथ और विधवा मानी के लिये जीवन में अब रोने के सिवा दूसरा अवलंब न था। वह पाँच वर्ष की थी, जब पिता का देहांत हो ...