लेखनी कविता - जीवन सच

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शीर्षक - जीवन सच द्रवित मन  विचलित  हो, जाने संसार  का  कैसा  सच है, जो आया है जाना है क्या सुख क्या दुःख जीवन  सच है। छोटे  से   इस   जीवन  में  ...

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