मनुहार मनहरण घनाक्षरी #लेखनी दैनिक कविता प्रतियोगिता ओपन टॉपिक -17-Sep-2022

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मनुहार (मनहरण घनाक्षरी) करती मैं मनुहार,पिया ला दो साड़ी चार, दिखूंँ मैं सुंदर नार, मान जाओ सरताज। दुर्गा पूजा आने वाली, मैं हूँ प्यारी घरवाली, आएगी आपकी साली, चलो जी बाजार ...

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