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गजल : हसीन ऋतु हसीन रुत आज फिर दिल दीवाना कर गई तेरी आंखों की गुस्ताखियां पैमाना भर गई बादल भी नशे में मदहोश होकर झूम रहा महकती शाम मौसम आशिकाना ...