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ये चांद सा रोशन मुखड़ा फिर क्यों है दर्द का दुखड़ा मंज़िल के सामने तू है खड़ा हौसला रख दिल है बड़ा खुदको ना समझ पिछड़ा गर तू जिद पर जो ...