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कविता ःःएक मुट्ठी धूप ★★★★★★★★★★ जाड़ों का मौसम आया है धूप सुहानी चुनरी ओढ़ आई है.. मीठी,गीत गुनगुनाती धूप.. सुनहली छटा बिखेरती धूप... चाय,कॉफी जैसी जोशीली धूप.. गर्म तेल की ...