1 Part
331 times read
17 Liked
कविता -रोटी की महक महकते रोटी का मंज़र,अजीब होता है मगर कहां ये सबको नसीब होता है इस कस्तूरी के चक्कर में घूमती है दुनिया कोई बड़ा नसीब वाला कोई बदनसीब ...