लेखनी प्रतियोगिता -23-Sep-2022

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कैसी हो खुशियाँ... काले बादल से छा भी जाएं अगर, चीर के बादलों को, बनकर बारिश बरस जायें। गहरा हो गर समंदर के जैसे भी, इतना की गम इसकी तेह तक ...

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