1 Part
391 times read
10 Liked
खुदा कब तल्क जुल्म होते रहेंगे ये मासूम मासूम रिश्तों की लाशें लहू तरबतर कुछ फरिश्तों की लाशें यूँ ही उनके माँ बाप ढोते रहेंगे खुदा कबतल्क जुल्म होते रहेंगे तेरे ...