वो बचपन।

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वो बचपन  चला गया हैं, मै लौटा कर कैसे लाऊं, जो खुद  से बिछड गया है। उसका पता कहा से लाऊ।  अब रहा नही गुल्ली डंडा,  न पतंग बाजी न ,चंदा, ...

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