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❣️🕊🕊🕊🕊🕊🕊🕊❣️ परिंदा बनकर तेरी मुंडेर पर बैठा हूँ तिश्नगी-मोह्हबत की पाल बैठा हूँ ।। तेरी दीदार की चाह मे इतना मदहोश हूँ । जो खुले आसमां कि उड़ान छोड़ बैठा हूँ ...