मानसरोवर--मुंशी प्रेमचंद जी

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उन्माद (कहानी) : मुंशी प्रेमचंद 2 रात के नौ बजे थे। मनहर लंदन के एक फैशनेबल रेस्ट्रां में बना-ठना बैठा था। उसका रंग-रूप और ठाठ-बाट देखकर सहसा कोई नहीं कह सकता ...

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