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विद्रोही मुंशी प्रेम चंद इंटरमीडिएट पास होते ही मुझे फौज में एक जगह मिल गयी। उस विभाग के अफसरों में पिताजी का बड़ा मान था। मैं सार्जेन्ट हो गया और सौभाग्य ...