1 Part
295 times read
17 Liked
ईश्वर का वरदान बनकर, जब तू थी धरती पर आई रोम रोम पुलकित हुआ, मन की थी कली मुस्काई मधुर चांदनी जैसी तेरी, चमक रही थी काया देख तेरी वो नन्ही ...