लेखनी प्रतियोगिता -27-Sep-2022 जख्म

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वो देते रहे, हम लेते रहे इस तरह जख्मों से अपनी झोली भरते रहे । खुशकिस्मत हैं हम कि उन्होंने कुछ तो दिया इस तरह हमारी वफा का कुछ तो सिला ...

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