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कैदी (कहानी) : मुंशी प्रेमचंद वह वेग के साथ चला गया। सन्ध्या हो गयी थी और दो घंटे के बाद ही उस कठिन परीक्षा का समय आ जायगा, जिससे उसके प्राण ...