लेखनी प्रतियोगिता -27-Sep-2022 सुख़न-साज़

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निकला हूं आज अल्फाज़ को ठिकाने लगाने को अब कुछ भी तो नहीं ख़ामोशी के सिवा जताने को आए है मुहब्बत से भी बुरे दिन मेरे आज कल कोई भी तो ...

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