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खुदाई फ़ौज़दार मुंशी प्रेम चंद केसर दोहरे बदन की स्त्री थी, यौवन बीत जाने पर भी युवती,शौक-सिंगार में लिप्त रहने वाली, उस फलहीन वृक्ष की तरह, जो पतझड़ में भी हरी-भरी ...