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जीवन के इस भंवर में, यदि दुःख का तूफान व्यथित करें, छोड़ कर व्यर्थ की चिंता, तब प्रभु का नाम स्मरण करें, हर व्यक्ति अपने जीवन में, अपने प्रारब्ध को है ...