1 Part
183 times read
8 Liked
जितना दूर जाना चाहती हुंँ तुमसे उतने ही करीब खुद को पाती हुंँ क्या कशिश है तुझमें जो खुद को तुम्हारे आगोश में पाती हुँ तुम्हारी याद मे दिन रैन बिताती ...