तेरी आगोश मे

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जितना दूर जाना चाहती हुंँ तुमसे उतने ही करीब खुद को पाती हुंँ क्या कशिश है तुझमें जो खुद को तुम्हारे आगोश में पाती हुँ तुम्हारी याद मे दिन रैन बिताती ...

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