लेकर आगोश में चंदा!

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बेला ये सांझ की है आई किरणे सूरज की मुरझाई नीले आसमानों के पीछे झांक रही चांदनी शरमाई। लेकर आगोश में चंदा बदरिया हो गई पागल बहती हुई सी चांदनी मचाने ...

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