लेखनी प्रतियोगिता -30-Sep-2022 बलि का बकरा

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दरबार हताश, निराश, शोकमग्न, भयभीत, सहमा हुआ और चिंतित था । लोगों ने दरबार को इस तरह से हैरान, परेशान कभी देखा नहीं था । दरबार की तो छवि ही ऐसी ...

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