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कविता ःःआगोशियाँ ★★★★★★★★★ आफताब डूबा बादलों के आगोश में देखो आसमां पर चाँद इतराया है आफताब की रश्मियों के आगोश में कितने अदब से मुस्काया है नीलगगन का तू ही एक ...