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कविता ःःतू प्यार का सागर है ★★★★★★★★★★★★ तुम प्यार का सागर हो मैं एक प्यासा पथिक ये दुनिया रेत रेत इस रेतीली दुनिया में मैं भटका मैं अज्ञानी, मूढमति जानूं क्या ...