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कुदरत का करिश्मा कविता / गीत कल कल बहती नदियां झरने मंद-मंद पवन के झोंके चलते कुदरत का करिश्मा ही तो है धरा पर बसंत बहार जब आए रंग बिरंगे फूलों ...