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भले क़िस्मत में अपनी हार लिए चलता हूंँ। मगर मैं दिल में खुशी प्यार लिए चलता हूंँ। गुलों पे बैठना फितरत है सभी भौरें की मैं आब़–ए–इश्क़ हूंँ, गुलज़ार लिए चलता ...