रुलाते हो

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दिल में रखी है बात कई मैंने तुझसे छुपा कर बहुत भारी हो गया है दिल तुझे इसमें बसाकर। अक्सर बातों ही बातों मैं तबियत पुछ लेते हो, कभी हाल भी ...

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