लेखनी प्रतियोगिता कविता -07-Oct-2022

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मुक्ति संघर्ष पिंजड़े में कैद पंछी करुण चीत्कार कर रहा ऊपर गगन विशाल है वह बंद पिंजड़े में रह रहा टीस है उसके दिल में तिल-तिल कर है मर रहा निरीह ...

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