कल की कहानी

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मेरे पुत्र कार्तिक बंसल को समर्पित मेरी यह रचना  कविता = ( कल की कहानी )  तुझमें अपना बचपन देखा ! तुझमें अपनी जवानी !! तुझमें गुजरा कल है देखा ! ...

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