तुम ऐसे निकलोगे कभी सोचा न था

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आज फिर से घाव भर आए हैं वह लौटकर फिर से मेरी गली आए हैं क्यों आए हैं लौटकर जब रुकना न था  तुम ऐसे निकलोगे कभी सोचा न था  माना ...

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