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गज़ल लिखने का सबब न पूछो यारों, दरबार ए हुस्न का अदब न पूछो यारों। महफिल गुले गुलज़ार उसके नाम से, मुझ गुलाम की तलब न पूछो यारों।। #दैनिक प्रतियोगिता हेतु ...