1 Part
236 times read
17 Liked
इश्क के इज़हार का गुनाह कर गए, राहें मंजिल को तेरी पनाह कर गए। झूम कर निकली जो पगली पवन, रास्तों को हम वहीं फनाह कर गए। बोलियां जो लगी थी ...