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विजया घनाक्षरी (8888 पदांत तीन लघु) सृजन शब्द -चपल *****************/ राह तकते नयन, कब आएंगे सजन, होगा अपना मिलन, मन न रहा बहल। जब से गए शहर, कठिन है रात्रि पहर, ...