मर्जी के मालिक

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गीत -उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट सब अपनी मर्जी के मालिक, बात हमारी कौन सुने। छोटा हो या बड़ा नाग, बस डसने को वह हमें चुने।। मची हुई है अफरा-तफरी, कुटिल स्वार्थ में ...

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