शायरी

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महज़ हुस्न से ही नही कोई दीवाना होता है.  कभी कभी मज़ीद लम्बी गुफ़्तगू भी  दीवानगी का सबब बन जातीं है.  ऐसा नही है.  के मुझे यकीन नही खुद पर .  ...

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