धूप छाँव

1 Part

158 times read

7 Liked

प्रतियोगिता हेतु *धूप छाँव* ।। मै मजदूर मुझे दुनिया की *धूप छाँव* से कैसा डर । मै तो पथरीली राहों में करता अपनी गुजर बसर ।। सुख की छाँव मुझे कब ...

×