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प्रतियोगिता हेतु *धूप छाँव* ।। मै मजदूर मुझे दुनिया की *धूप छाँव* से कैसा डर । मै तो पथरीली राहों में करता अपनी गुजर बसर ।। सुख की छाँव मुझे कब ...