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शीर्षक-मेरी माता का मनमोहक रूप विधा- भजन तू ही अंबे ,तू ही भवानी.... तू ही जगत की कल्याणकारी... कहलाती मैया जगदंबाकारी... लाल लाल है चुनरी , माथे की चमके बिंदी, लगी ...