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कविता -ए०पी०जे०अब्दुल कलाम ( एक घटना) कल का जीवन किसने देखा,जो सोचा क्या सब पाई ली है है कठिन-सरल निष्ठुर-मृदुल ,जीवन की बात निराली है जीवन लीला पर चली कलम, लिख ...