डा ए०पी०जे० अब्दुल कलाम -16-Oct-2022

1 Part

358 times read

17 Liked

कविता -ए०पी०जे०अब्दुल कलाम ( एक घटना)  कल का जीवन किसने देखा,जो सोचा क्या सब पाई ली है है कठिन-सरल निष्ठुर-मृदुल ,जीवन की बात निराली है  जीवन लीला पर चली कलम, लिख ...

×