अपनी नज़रें झुका बैठे

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बज़्म में रुख़सार से पर्दा क्या हटा बैठे, हम भी नज़रें उन पर ही जमा बैठे। धड़कने दिल की और भी बेतहाशा बढ़ गई, जब वो पास में मेरे ही आ ...

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