स्वभाव

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चालाकी तो हमे भी आती है जनाब ...! पर ये ज़िन्दगी है मेरी कोई मैदान नहीं है ।। और नफरत ,गुस्सा ,घमंड मुझमें भी कूट कूट कर भरा है ....! पर ...

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