कर्म देखकर हत्यारों के शोणित में है उठे उबाल# लेखनी दैनिक काव्य प्रतियोगिता -17-Oct-2022

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कर्म देखकर हत्यारों के, शोणित में है उठे उबाल  वीर या आल्हा छंद(16,15) छपती अखबारों में खबरें, पढ़ गुस्से में होते लाल। कर्म देखकर हत्यारों के,शोणित में है उठे उबाल।। कभी  ...

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