लेखनी प्रतियोगिता -17-Oct-2022 कर्म बिना निरर्थक है इंसान

1 Part

504 times read

18 Liked

शीर्षक-कर्म बिना निरर्थक है इंसान हे इंसान! क्यों डगमगाते तेरे कदम, ना सोच तू कर निरंतर कर कर्म, फिर क्यों करता चिंतन, जीवन में अपना एक नई डगर, हर मुकाम में ...

×